| 1. | 27 ½ दिन की यह अवधि एक नाक्षत्र मास कहलाती है।
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| 2. | किंतु चतुर्भिव्र्यवहारोऽत्र सूर्य सिद्धांत वचन के आधार पर चांद्र, सौर, सावन और नाक्षत्र मास का व्यवहार होता है।
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| 3. | 3. साइडरियल या नाक्षत्र मास-खगोल में हम ग्रहों और उपग्रहों की गतियों की गणना के लिए नक्षत्रों को स्थिर मानते हैं।
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| 4. | किसी एक तारे से उसी तारे तक की चंद्रमा की एक यात्रा में लगने वाले समय को हम साइडरियल या नाक्षत्र मास कहते हैं।
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| 5. | वेदांग ज्योतिष के अनुसार पाँच वर्षों का युग माना गया है, जिसमें 1830 माध्य सावन दिन, 62 चांद्र मास, 1860 तिथियाँ तथा 67 नाक्षत्र मास होते हैं।
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| 6. | वेदांग ज्योतिष के अनुसार पाँच वर्षों का युग माना गया है, जिसमें 1830 माध्य सावन दिन, 62 चांद्र मास, 1860 तिथियाँ तथा 67 नाक्षत्र मास होते हैं।
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